Bihari Chicken Curry

Litti Chokha The taste of Bihar

The taste of Bihar - Litti Chokha लिट्टी और चोखा सम्पूर्ण बिहार का व्यंजन! लिट्टी और चोखा एक प्रकार का बहुचर्चित सम्पूर्ण बिहार का व्यंजन है, जो लिट्टी तथा चोखे – दो अलग अलग प्रकार के व्यंजनों के साथ-साथ खाने को कहते हैं। यह बिहार के मुख्य व्यंजनो में से एक है। लिट्टी और चोखा एक प्रकार का बहुचर्चित सम्पूर्ण बिहार का व्यंजन है, जो लिट्टी तथा चोखे – दो अलग अलग प्रकार के व्यंजनों के साथ-साथ खाने को कहते हैं। यह बिहार के मुख्य व्यंजनो में से एक है। लिट्टी बनाने की विधि आटे को साफ़ और स्वच्छ पानी के साथ गूंथा जाता है, जैसा की हम रोटी के लिए करते हैं , इसके बाद आंटे की छोटी छोटी लोइयाँ बनाकर पूरी के आकार का बेला जाता है , फिर उसमे तैयार किये गए सत्तू (चना के सत्तू ) के मिश्रण को बीच में डाल कर गोल कर लिया जाता है. सत्तू तैयार करने की विधि : भुने चने के बारीक पिसे सत्तू में पहिले सरसों का तेल, नींबू के रस, प्याज के कटे बारीक टुकड़े, लहसुन बारीक कटा हुआ, अदरख बारीक़ कटा हुआ, कटी हरी मिर्च, अजवाइन, मंगरैला, आम के आचार का मसाला, लाल भरी मिर्च का मसाला, सादा नमक व काला नमक, हरी धनिया की पत्ती बारीक कटी हुई, इत्यादि के साथ मिला कर सत्तू के मिश्रण को तैयार किया जाता है। (आम के आचार का मसाला और लाल भरी मिर्च का मसाले का उपयोग अपने इक्छा अनुसार कर सकते है) चोखा बनाने की विधि: पहले हम आलू और् बैंगन को उबाल लेते हैं, या आग में पका लेते हैं। आलू और् बैंगन को उबालने की विधि के द्वारा आलू और् बैंगन को उबाल लेते हैं और इसके बाद इसके छिलके को हटा कर उसे नमक, तेल, हरी मिर्च, प्याज, लहसुन, पका टमाटर, हरी धनिया की पत्ती इत्यादि के साथ गूंथ लिया जाता है। आलू और् बैंगन को आग में पकाने की विधि के द्वारा: या फिर आग में पका लेते है। आग में पकाने से पहिले बैगन को धोकर उसपर सरसो का तेल लगाकर, चाकू से छेद करके उसमें, लहसुन, हरीमिर्च भरकर पकाइए। इसको बनाने का अलग अलग प्रकार भी है। आप आग पर पका सकते हैं , या फिर सत्तू पराठा की तरह तवा पर पका सकते है, या फिर गरम सरसो के तेल में फ्राई कर सकते हैं। आग पर पकाने के लिए आप गोइठा , लकड़ी , रसोई गैस के ऊपर लोहे का जाली लगाकर पका सकते हैं। तवा पर पका सकते है, जैसे: तवा पर पका सकते है, जैसे हम सादा पराठा या आलू पराठा बनाते हैं। गरम सरसो के तेल में फ्राई कर सकते हैं। गर्म सरसों के तेल में फ्राई कर सकते हैं। जैसे हम कचोरी या समोसा को फ्राई करते हैं. सांस्कृतिक महत्व: यह हम बिहारियों का मुख्य भोजन है, और हमारी सांस्कृतिक पहचान है. हम बिहारी इस संसार के किसी भी भूभाग में रहे या रहते है, यह सत्तू और चोखा तो, खाना ही खाना है। तो बनाइये और खाइये। सायद आपको यह बिहारी खाना पसंद आया हो तो , आप भी बना सकते हैं, और अपने परिवार जनो को खिला सकते हैं। और इतनी अच्छी जानकारी के लिए एक लाइक और शेयर तो बनता है।

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